भोपाल
महान सम्राट विक्रमादित्य, विक्रम संवत् और देश के गौरवशाली इतिहास में उनके योगदान से देश को अवगत कराने के लिए सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य का मंचन 12 से 14 अप्रैल तक नई दिल्ली के लाल किले में माधवदास पार्क में होगा। उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ शाम को 7 बजे "विक्रमोत्सव" में सांस्कृतिक उत्सव का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नई दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य के साथ साथ लाल क़िले पर विक्रमादित्य और अयोध्या, विक्रमादित्य क़ालीन पुरातात्विक मुद्रा मुद्रांक, वृहत्तरभारत के सांस्कृतिक वैभव, मध्यप्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं, प्रदेश में निवेश तथा रोज़गार सृजन के अवसरों में लोकव्यापीकरण के प्रयासों पर केंद्रित प्रदर्शनियाँ भी लगाई जा रही हैं। साथ ही दिल्ली के निवासी फूड कोर्ट में मध्यप्रदेश के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी चख सकेंगे। इस तीन दिवसीय उत्सव में भारतीय इतिहास और संस्कृति के महान नायक के योगदान को जीवंत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में संस्था विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति ने महानाट्य की परिकल्पना को साकार किया है। महानाट्य में विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की सभी गाथाएँ अंकित की गई है। सम्राट विक्रमादित्य के विराट स्वरूप को प्रस्तुत करने के लिये कलाकारों का विशाल दल लगभग 125 कलाकारों और 50 अन्य सहयोगियों के माध्यम से इसे प्रस्तुत किया जायेगा। नाटक के दृश्यों का सजीव बनाने के लिए अश्व, रथ, पालकी एवं ऊँट आदि का इस्तेमाल किया गया है। मंचीय प्रस्तुतिकरण को प्रभावी बनाने के लिये तीन मंच एवं एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट का प्रयोग किया गया है।
मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, धरोहरों, कला–कौशल और पर्यटन को वैश्विक पटल पर प्रमुखता से प्रदर्शित करने का यह प्रमुख मंच हैं। इसी तारतम्य में महान नायक सम्राट विक्रमादित्य के स्वर्णिम काल से जन मानस को अवगत कराने के लिए “विक्रमोत्सव- 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यह न केवल सम्राट विक्रमादित्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को जन मानस तक पहुंचाएगा, बल्कि मध्यप्रदेश की समृद्ध परंपराओं और पर्यटन संभावनाओं को भी राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा।
विक्रमोत्सव-2025 में मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों के फूड स्टॉल्स लगाए जाएंगे, जिसका दिल्लीवासी आनंद ले सकेंगे। मध्यप्रदेश में पर्यटन विभाग की प्रमुख पहल, नवाचारों और पर्यटन सर्किट की जानकारी दी जाएगी। तकनीक की सहायता से नागरिकों को ऐतिहासिक कथाओं को जानने का अवसर भी प्राप्त होगा। यहां AR/VR अनुभव के लिए पैवेलियन होगा, साथ ही बाबा महाकाल का होलोग्राफिक भी प्रदर्शित किया जाएगा। मध्यप्रदेश की हस्तकला व कौशल को मंच प्रदान किया जाएगा, जिसमें हस्त शिल्पकार गोंड कला, बाग प्रिंट, टेराकोटा शिल्प, खजूर पत्ती शिल्प, पारंपरिक शिल्प और पेपर मैशी कला व चित्रकला के साथ अन्य उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे।